
आकाश

इस वर्ष पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल अपना जन्मदिन बिलासपुर में नहीं मनाएंगे। आपको बता दें कि आगामी 22 सितंबर को अमर अग्रवाल का जन्मदिन है। पिछले वर्ष चुनाव से ठीक पहले अपने जन्मदिन को अमर अग्रवाल ने उत्सव की तरह बनाया था। इस मौके पर कई दिनों से कार्यक्रम आयोजित हो रहे थे। सीएमडी कॉलेज मैदान में फिल्म अभिनेता और मोटिवेशन गुरु बोमन ईरानी भी आए थे, वही श्रीकांत वर्मा मार्ग स्थित कुंदन पैलेस में जन्मदिन का भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ था, जहां हजारों लोग अमर अग्रवाल को जन्मदिन की बधाई देने पहुंचे थे। यहां हजारों लोगों के लिए प्रीतिभोज का आयोजन किया गया था। लोग आज भी उस जन्मदिन समारोह को याद करते हैं , लेकिन एक हार से सारी परिस्थितियां बदल चुकी है। कभी अपने कार्यकर्ताओं और पार्टी के लिए आंखों का नूर रहे अमर अग्रवाल को शायद अब इतना भी भरोसा नहीं कि उनका जन्मदिन समारोह पूर्वक मनाया जा सकता है। हिंदी में कहावत है- बंधी मुठ्ठी लाख की ,खुल गई तो खाक की। अमर अग्रवाल को शायद इस बात का डर है कि इस बार कार्यकर्ताओं और शहरवासियों का वैसा स्नेहा उन्हें नहीं मिलेगा जैसा कि पिछले 15 सालों से मिल रहा था। शायद उन्हें यह भी लगता है कि इस वर्ष ना तो उन्हें बधाई देते बैनर पोस्टर शहर में लगेंगे और ना ही अखबारों के पन्ने जन्मदिन के विज्ञापनों से रंगे होंगे। शायद इन्हीं आशंकाओं से पीड़ित होकर उन्होंने अपना जन्मदिन बिलासपुर में नहीं मनाने का निर्णय लिया है और जन्मदिन से पहले ही वे जगन्नाथ पुरी की तीर्थ यात्रा पर रवाना हो गए, जहां से उनकी वापसी 24 सितंबर को होगी यानी उनके जन्मदिन के दो दिन बाद। जानकार बता रहे हैं कि उन्होंने यह फैसला बिलासपुर में जन्मदिन नहीं मनाने के इरादे से ही लिया है।

जानकार यह भी कहते हैं कि अमर अग्रवाल का तिलिस्म टूट चुका है। विधायक और मंत्री ना रहने की वजह से अब इक्का-दुक्का लोग ही उनके इर्द-गिर्द नजर आते हैं, इसलिए मुमकिन है कि अगर वे अपना जन्मदिन बिलासपुर में मनाते और अपेक्षा अनुरूप भीड़ नहीं जुटती तो फिर यह उनकी छवि के विपरीत होती। इसी प्रतिकूल परिस्थिति से बचने के लिए ही उन्होंने जन्मदिन के दौरान शायद बिलासपुर में नहीं रहने का निर्णय लिया है, लेकिन एक वर्ग का यह भी मानना है कि आने वाले निगम चुनाव की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के ही जिम्मे है । वे के प्रदेश प्रभारी बनाए गए हैं, इसलिए निगम चुनाव के संभावित प्रत्याशी इस बार भी उनके इर्द-गिर्द वैसे ही मंडायेंगे जैसे सूर्य के इर्द-गिर्द ग्रह मंडराते हैं , इसलिए यह पूरी तरह सच नहीं है कि अगर वे बिलासपुर में अपना जन्मदिन मनाते तो फिर उनके समर्थकों की भीड़ नहीं जुटती। यह दुनिया उगते सूरज को सलाम करती है ,इसलिए मुमकिन है कि पूर्व वर्षों की तरह पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के बंगले में लोगों का हुजूम नहीं उमड़ता लेकिन ऐसा भी नहीं है कि उन्हें विश करने वाले लोगों की कोई कमी होती । इस जन्मदिन पर अमर अग्रवाल के बिलासपुर में ना होने से उनके समर्थक मायूस है । बुधवार को जगन्नाथपुरी रवाना होने से पहले पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने अपने चुनिंदा समर्थकों के बीच केक काटकर 4 दिन पहले ही जन्मदिन मना लिया। कॉन्ग्रेस इसे उनका डर बता रही है।
