
कहीं पुलिस अपने खिलाफ खबर लिखने वाले पत्रकारों पर झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाकर उनके खिलाफ साजिश रच रही है, तो कहीं राजनीतिक दलों के नेता पत्रकारों की पिटाई कर रहे हैं
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
इन दिनों लगता है पत्रकारों के बुरे दिन चल रहे हैं । एक तरफ भले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पत्रकार हित को लेकर संजीदगी दिखा रहे हो और पत्रकार सुरक्षा कानून पर जोर देने की बात कहते हो ,लेकिन फिर भी प्रदेश भर में पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है ।कहीं पुलिस अपने खिलाफ खबर लिखने वाले पत्रकारों पर झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाकर उनके खिलाफ साजिश रच रही है, तो कहीं राजनीतिक दलों के नेता पत्रकारों की पिटाई कर रहे हैं।
इसी दौरान जांजगीर में चल रहे जाजल्य देव लोक महोत्सव के शुभारंभ मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत जिस तरह पत्रकारों पर खीज उतारने लगे ,उसने पत्रकारों को हैरान कर दिया ।आमतौर पर पत्रकारों के साथ बेहतर ताल्लुकात रखने वाले डॉक्टर महंत अपनी पार्टी लाइन से बाहर जाएंगे इसकी अपेक्षा पत्रकारों को भी नहीं थी। पत्रकारों की यही शिकायत थी कि जिला पंचायत सीईओ अजित बसंत पत्रकारों के साथ बुरा बर्ताव करते हैं ।मीडिया कर्मियों के साथ उनकी ज्यादती के खिलाफ कार्यवाही के तहत जिला पंचायत सीईओ अजीत वसंत को हटाने की मांग जांजगीर में पत्रकार कर रहे थे तो उनके शोरगुल से विधानसभा अध्यक्ष उखड़ गए और उन्होंने गुस्से में पत्रकारों से कह दिया कि अगर हमारी बात नहीं सुनेंगे तो हम भी तुम्हारी नहीं सुनेंगे ।जिसको यहां से जाना है जा सकता है। चरण दास महंत के इतना कहते ही पत्रकारों का भी आत्म सम्मान जाग उठा और पत्रकारों ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया । मीडिया कर्मियों ने इसी के साथ यह निर्णय भी लिया है कि अब से वे डॉ चरणदास महंत के किसी भी कार्यक्रम का कवरेज नहीं करेंगे ।साफ है मीडिया और राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच खाई बढ़ती जा रही है। लोकतंत्र के दो स्तंभ आपस में ही टकराव की मुद्रा में है ,जो दोनों के हित में नहीं है ,इसलिए जन नेताओं को अहंकार के आसन से जरा नीचे उतर कर मीडिया कर्मियों के भी दुख दर्द को समझना होगा ताकि आपसी ताल्लुकात बेहतर बन सके ।
जब जब मानवीय पक्ष ओझल होगा और रिश्ता केवल स्वार्थ सिद्धि तक सीमित होगा तब तक ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी। जिला पंचायत सीईओ के बुरे बर्ताव की शिकायत करने जाने पर डॉक्टर चरणदास महंत उनसे भी बुरा बर्ताव पत्रकारों से करेंगे इसकी उम्मीद इन पत्रकारों को नहीं थी इसलिए शायद वे गहरे तक आहत हुए हैं।