
उदय सिंह

मस्तूरी- मस्तूरी क्षेत्र में रेत खदान का टेंडर निरस्त होते ही रेत माफिया सक्रिय हो गए है। रेत का अवैध उत्खनन किए जाने से शिवनाथ नदी की स्थिति बिगड़ती जा रही है और खनिज विभाग अपनी चुप्पी थामे बैठा है। लिहाज़ा ग्रामीणों ने इसकी शिकायत मस्तूरी क्षेत्र के नायब तहसीलदार से की तब कही जा कर शासन प्रशासन के नाक के नीचे रेत का अवैध परिवहन करने वाले 10 रेत से भरे ट्रैक्टर को रंगे हाथ पकड़ा गया है, दरसअल मस्तूरी क्षेत्र में विगत कई हफ़्तों से रेत माफिया शिवनाथ नदी से रेत के अवैध परिवहन को लेकर सक्रिय हो गए है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने पहले खनिज विभाग को दी। बावजूद इसके रेत के परिवहन का काम नही रुका। जिसके बाद निराश ग्रामीणों ने मस्तूरी के अंतर्गत आने वाले कई रेत घाटों में चल रहे अवैध परिवहन की सूचना नायब तहसीलदार शेष नारायण जायसवाल से की, शुक्रवार को उन्होंने मौके पर दबिश दी, तो उन्हें कुकुरदी कला रेत घाट से लौट रहे करीब दस ट्रैक्टर रेत से भरे हुए मिले। इसी बीच परिवहन करने वाले आरोपी मौके से फरार हो गए, जिसका पीछे करते नायब तहसीलदार की टीम ने पास के ही धान खरीदी केंद्र से आरोपी को पकड़ा जिसे पचपेड़ी थाने में सुपुर्द कर दिया गया है।
रेत माफिया का पीछा करते तहसीलदार पहुँचे धान खरीदी केंद्र, तो अवैध धान परिवहन का हुआ खुलासा..

कुकुरदी कला रेत खदान से फरार रेत माफिया का पीछा करते जब नायब तहसीलदार शेष नारायण जायसवाल अपनी टीम के साथ पास के ही धान खरीदी केंद्र पहुँचे तो वहाँ एक पिकअप व एक मेटाडोर (407)में धान भरा देख उन्हें शक हुआ। जब उन्होंने इसकी पूछताछ की तो वाहन चालकों सहित धान खरीदी केंद्र में तैनात कर्मचारी ने कोई मुनासिफ जवाब नही दिया। तो वही केंद्र में उक्त वाहनों को लेकर कोई जानकारी भी रजिस्टर नही था। जिससे धान के अवैध परिवहन के निशानदेही पर तहसीलदार ने दोनों धान से भरे वाहन को जब्त कर पचपेड़ी थाना सुपुर्द कर दिया।
रेत खदानों के टेंडर निरस्त होते ही सक्रिय हो गए रेत माफिया..

हालहि में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रेत खदानों को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है। उक्त मापदंडों पर टेंडर नही होने के कारण पूर्व में मस्तूरी सहित अन्य क्षेत्रों के रेत खदानों का ठेका खनिज विभाग ने निरस्त कर दिया है। लेकिन इसके बाद भी रेत माफिया शिवनाथ नदी का सीना छलनी करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं, तो दूसरी ओर खनिज विभाग कार्रवाई जारी होने का हवाला देती है।
बेखौफ होकर राजस्व का चूना लगा रहे रेत माफिया,खनिज विभाग पर उठ रहे सवाल??

इन दिनों रेत खदानों में बेख़ौफ़ होकर रेत माफिया रेत उत्खनन कर मार्केट में मनमर्जी दाम पर बेच रहे है। जिससे राजस्व का नुकसान तो हो ही रहा है, वही इस बेतरतीब खुदाई से नदियों की दशा भी बदल रही है। वही खनिज विभाग की उदासीनता से तस्कर नदी घाटों से बेधड़क होकर रोज सैकड़ों ट्रिप रेत का अवैध खनन करा रहे हैं। खनिज विभाग गिने-चुने रेत भरे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपा रही है, जबकि जिले भर के नदी घाटों में रेत माफिया सक्रिय हैं। ऐसे में रेत की अफरातफरी का खेल आखिर किसके शय में चल रहा है, यह अब खनिज विभाग की कार्य प्रणाली पर कई सवाल खड़े कर रहा है?