
सत्याग्रह डेस्क

बिलासपुर जिले में गिरते हुए भू-जल स्तर को देखते हुए भू-जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिये जिले में स्थापित औद्योगिक इकाईयों का सहयोग लिया जायेगा। कलेक्टर डाॅ.संजय अलंग ने इस संबंध में जिला उद्योग संघ और जिले में स्थापित प्रमुख उद्योगों के साथ बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
मंथन सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने कहा कि अरपा नदी में शिल्टिंग व जलकुंभी के कारण पानी दूषित हो गया है और पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है। इस संबंध में एनटीपीसी को उनके सीएसआर मद से जलकुंभी सफाई अभियान प्रारंभ करने का निर्देश दिया। नगर पालिका निगम बिलासपुर क्षेत्र के तालाबों के गहरीकरण एवं साफ-सफाई के लिये बीईसी फर्टिलाइजर्स, नर्मदा कोल्ड्रिंग्स, जय दुर्गा इण्डस्ट्रीज और गौतम प्लास्टिक इण्डस्ट्रीज को जिम्मेदारी दी। उनके द्वारा भारतीय नगर तालाब के गहरीकरण व सफाई का कार्य किया जायेगा। इसके साथ-साथ जल संकट से प्रभावित क्षेत्रों देवरीखुर्द, सरकण्डा, राजकिशोर नगर, शंकर नगर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य किया जायेगा। एनटीपीसी को भी 14 गांवों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जिम्मेदारी दी गई। कलेक्टर ने क्रशर उद्योग संघ को 150 तालाबों के गहरीकरण व संवर्धन की जिम्मेदारी दी। इसके लिये खनिज विभाग को नोडल विभाग नियुक्त किया गया।
अरपा किनारे होगा सघन वृक्षारोपण
कलेक्टर ने अरपा नदी के संरक्षण के लिये उद्योगों से महती भूमिका निभाने कहा। उन्होंने कहा कि जिला उद्योग संघ एवं जिले में स्थापित अन्य उद्योगों की मदद से अरपा नदीके किनारों पर वृहद वृक्षारोपण का अभियान चलाया जायेगा। जिससे नदी के कटाव को रोकने में मदद मिलेगी। डीएफओ बिलासपुर ने मरवाही से लेकर बिलासपुर तक अरपा नदी के दोनों ओर वृक्षारोपण की योजना के संबंध में प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि नदी के किनारों पर लगभग 2 लाख वृक्षारोपण किया जायेगा। कलेक्टर ने कहा कि वृक्षारोपण के लिये पौधे नहीं बल्कि 5-6 फीट ऊंचे पेड़ लगाये जाये। जिला उद्योग संघ को नदी के दोनों ओर लगभग 3 हजार प्लांटेंशन करने की जवाबदारी दी गई।
औद्योगिक इकाईयों के अलावा पेट्रोल पंप, होटल व्यवसाय, नर्सिंग होम संचालकों को भी जल संरक्षण व संवर्धन अभियान से जोड़ा जायेगा। इसके लिये कल 30 मई को कलेक्टर प्रातः 11 बजे बैठक लेंगे।