
जुगनू तंबोली

रतनपुर – सहायक शिक्षण सामग्री अर्थात टी एल एम सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को सहज,सरल और स्थाई बनाता है। टी एल एम का प्रयोग सभी शिक्षकों को अपने अध्यापन में करना चाहिए। उक्त बातें माध्यमिक शाला नवागांव खूंटा में आयोजित कर्रा संकुल के टी एल एम मेले में संकुल समन्वयक रामरतन भारद्वाज द्वारा कही गई।माध्यमिक शाला नवागांव में आयोजित इस टी एल एम मेले में कर्रा संकुल के समस्त स्कूलों के प्रत्येक शिक्षक द्वारा टी एल एम प्रदर्शित किया गया।

बहुत सारे टी एल एम कबाड़ से जुगाड़ अंतर्गत जीरो निवेश पर बनाये गए थे जिन्हें देख कर शिक्षकों और अथितियों ने प्रशंसा की।विज्ञान,गणित,भाषा जैसे विषयों के विभिन्न विषयवस्तु को सहायक शिक्षण सामग्री के माध्यम से छात्रों तक बड़ी आसानी से पहुचाया जा सकता है।टी एल एम मेले में आयोजित कार्यक्रम में मनीष पाण्डेय, युवराज प्रधान,राम रत्न भारद्वाज,आर पी मस्ताना,शिव छत्रवाणी, श्री चंद्रा द्वारा टी एल एम निर्माण और उपयोग को लेकर आवश्यक जानकारी प्रदान की गई।

इस अवसर पर कल्पना शर्मा,कामिनी भानू, अंजनी ठाकुर,अमृता वर्मा,आरती तिवारी,अंजना अग्रवाल,दिलशाद बेगम,मनीष पाण्डेय, रामकिसुन सूर्यवंशी,नरेंद्र जायसवाल,दिनेश कश्यप,दिनेश तम्बोली,राजेश अनन्त,मधु कश्यप सहित अनेक शिक्षकों ने अपने टी एल एम की उपयोगिता का प्रदर्शन किया।कार्यक्रम का संचालन शिक्षक मनीष पाण्डेय द्वारा किया गया।