
रमेश राजपूत
बिलासपुर – सरकंडा थाना क्षेत्र के बंधवापारा से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां एक वृद्ध दंपत्ति की जीवन भर की पूंजी पर अज्ञात चोरों ने हाथ साफ कर दिया। भीख मांगकर गुजर-बसर करने वाले मेघुराम और उनकी पत्नी सुखबाई के आशियाने में घुसकर चोरों ने न केवल उनकी जमा पूंजी चुराई, बल्कि उनके विश्वास और आत्मसम्मान को भी तार-तार कर दिया। बंधवापारा अटल आवास में रहने वाले ये वृद्ध दंपत्ति पिछले कई वर्षों से भीख मांगकर अपने जीवन की गाड़ी जैसे-तैसे चला रहे थे। इस दौरान उन्होंने सिक्कों और छोटे नोटों के रूप में लगभग एक लाख रुपये की राशि घर पर एक पेटी में संजोकर रखी थी। उनके लिए यह रकम सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि बूढ़े जीवन का सहारा थी, एक छोटी सी उम्मीद थी कि भविष्य में बीमारी या किसी बड़ी जरूरत में यह रकम उनके काम आएगी। लेकिन 19 जून 2025 की रात उनके लिए काल बनकर आई।जब वे सो रहे थे, तभी किसी अज्ञात चोर ने उनके कमरे का ताला तोड़ दिया और पेटी में रखे करीब 40 हजार रुपए के सिक्के और 60 हजार रुपए के चिल्हर नोट, साथ ही उनके दैनिक उपयोग के बर्तन और राशन में रखा चावल तक चोरी कर लिया।
सुबह जब वृद्ध दंपत्ति की नींद खुली और उन्होंने अपने कमरे का नजारा देखा, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। जो थोड़ी बहुत पूंजी उन्होंने वर्षों की मेहनत और त्याग से जुटाई थी, वह एक ही रात में छिन गई। मेघुराम और सुखबाई की आंखों में आंसू थे, जुबान पर शब्द नहीं। आस-पड़ोस के लोगों ने उन्हें ढांढस बंधाया और प्रशासन से मदद लेने की सलाह दी। इसके बाद सोमवार को वे किसी तरह सरकंडा से निकलकर एसपी कार्यालय पहुंचे और अपनी पूरी व्यथा सुनाई। उन्होंने पुलिस से मांग की कि इस घटना की गंभीरता को समझते हुए तुरंत चोरी का अपराध दर्ज किया जाए और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जाए ताकि वे दोबारा जीवन शुरू कर सकें। यह घटना सिर्फ एक चोरी नहीं, बल्कि समाज की उस कड़वी सच्चाई को भी उजागर करती है, जहां वृद्धावस्था में भी लोग सहारा पाने के बजाय असुरक्षा और अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। इस बुजुर्ग दंपत्ति ने न तो किसी से उधार लिया, न ही किसी का हक छीना, बस दूसरों की दया पर अपना पेट भरते रहे। लेकिन एक रात ने उनका सब कुछ छीन लिया।