
जुगनू तंबोली
रतनपुर – धार्मिक नगरी रतनपुर, जिसे आस्था और परंपरा का प्रतीक माना जाता है, इस समय बुनियादी सुविधाओं की गंभीर उपेक्षा का शिकार हो रही है। महामाया चौक से लेकर शासकीय महामाया कॉलेज चौक तक की मुख्य सड़क की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि यह किसी भी क्षण जानलेवा हादसे का कारण बन सकती है। यह मार्ग न सिर्फ स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि दूर-दराज़ से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी जीवन रेखा के समान है। सावन मास में जब हजारों श्रद्धालु माँ महामाया और बुढ़ामहादेव के दर्शन के लिए रतनपुर पहुंचते हैं, तब यह सड़क श्रद्धा और सुरक्षा के बीच एक बड़ा सवाल खड़ा कर देती है। पदयात्रा करने वाले श्रद्धालु हों या निजी वाहनों से पहुंचने वाले परिवार, हर कोई इन खतरनाक गड्ढों से दो-चार हो रहा है।
गड्ढों में समाई सड़क, हर पल बना खतरा
इस मार्ग पर गड्ढे इतने बड़े और गहरे हो चुके हैं कि समझ नहीं आता सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क। दोपहिया वाहन चालकों के लिए यह मार्ग हादसों का न्योता बन गया है। कई स्थानों पर तो पानी भर जाने से गड्ढों की गहराई का अंदाजा लगाना भी मुश्किल हो जाता है। दुर्घटनाओं का सिलसिला लगातार जारी है, लेकिन संबंधित विभाग और प्रशासन ने अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला।
PWD की असफल मरम्मत, दो दिन में उखड़ी कंक्रीट
कुछ दिन पूर्व लोक निर्माण विभाग ने इस मार्ग के गड्ढों को अस्थायी रूप से भरने का प्रयास किया था, लेकिन यह काम महज़ खानापूर्ति साबित हुआ। मिट्टी, सीमेंट और कंक्रीट से भरे गड्ढे दो दिन भी नहीं टिक पाए और पूरी सड़क फिर धूल और पत्थरों से पट गई। अब यह मार्ग सिर्फ गड्ढों का प्रतीक बन चुका है।
आस्था और परंपरा पर प्रशासन की बेरुखी
रतनपुर कोई साधारण कस्बा नहीं, यह एक सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर है। यहाँ के महामाया मंदिर, बुढ़ामहादेव और श्रीराम मंदिर वर्ष भर श्रद्धालुओं से गुलजार रहते हैं। सावन के सोमवार को यहां जल चढ़ाने वाले भक्तों की संख्या हजारों में होती है। उनकी यह तपस्या अब सड़क की बदहाली की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं ने शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द इस मार्ग की मरम्मत कराई जाए ताकि श्रद्धालुओं की आस्था को सुरक्षित रखा जा सके। वरना यह सड़क आने वाले समय में बड़ी दुर्घटनाओं की वजह बन सकती है।