
हरिशंकर पांडेय
मल्हार – इन दिनों धार्मिक नगर मल्हार में साफ सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है महत्वपूर्ण स्थानों में गंदगी का आलम पसरा हुआ है और बदबू ऐसी की सांस लेना भी दुश्वार हो चला है। अपने नगर की इस दुर्दशा पर प्रत्येक नगरवासी नगर पंचायत के जिम्मेदारों को कोस रहा जो भारी भरकम बजट और कर्मचारी होने के बाद भी साफ सफाई की ओर ध्यान नही दे रहे है। गौरतलब है कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने स्वच्छ भारत का नारा देते हुए पूरे देश वासियों से अपील करते हुए पूरे सरकारी तंत्र को सफाई अभियान में लगा दिया था।

जिसके बाद निकायों से लेकर गांव गांव तक साफ सफाई रखना व करना विशेषकर सार्वजनिक स्थानों में स्वच्छता रखना प्राथमिकता थी। इसी कड़ी में मल्हार निकाय में भी शुरुवाती दौर में खूब सफाई अभियान चलाया गया। मल्हार निकाय होने के साथ ही जिले का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल भी है जहां सैकड़ो पर्यटक प्रतिदिन आते रहते है। बावजूद इसके विगत कुछ वर्षों से नगर की साफ सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। मेला चौक के अलावा मन्दिरो के आसपास भी कूड़ा करकट से अटा पड़ा है। मेला चौक स्थित सैकड़ो वर्ष पुराने पौराणिक महत्व के कनकन कुँवा के चारो तरफ इतनी गंदगी है कि कोई भी एक मिनट भी खड़ा नही हो सकता। इसी जगह मुख्य हटरी बाजार है जहां चिकन,मटन व मछलियों के दुकानों के अपशिष्ठ भी इसी कुएं के पास जमा हो रहा है। जिससे पूरे क्षेत्र के लोग बदबू से परेशान है।

साथ ही आसपास की नालियां भी कचरे के कारण जाम हो गई है परन्तु निकाय के अधिकारियों की नजर यहाँ नही पड़ती और ना ही कोई अधिकारी मौके का निरीक्षण करते है। कुछ ऐसी ही स्थिति अमूमन नगर के अधिकांश जगहों की है जहां सफाई के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति होती है। ऐतिहासिक किले के आसपास भी इतनी गंदगी है कि किले को देखने जाने वाले पर्यटक दूर से ही गन्दगी देख वापस आ जाते है। नगर की साफ सफाई के लिए भारी भरकम बजट आता है जिसके लिए स्वच्छता कमांडो की भर्ती भी की गई इसके अलावा पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मचारी भी है इन सबके बावजूद भी धर्मनगरी की दुर्दशा समझ से परे है। अधिकारियों को चाहिए कि कम से कम सफाई व्यवस्था ठीक हो जिससे यहां आने वाले पर्यटक स्वच्छ वातावरण में देव स्थानों का भ्रमण कर सके।