
टेकचंद कारड़ा
बिलासपुर – जिले से करीब 35 किलोमीटर दूर कोटा विकासखंड अंतर्गत ग्राम घानाकछार में एक अद्भुत और चौंकाने वाली प्राकृतिक घटना सामने आई है। गांव के लगभग 4 एकड़ क्षेत्रफल में फैले 45 वर्ष पुराने तालाब में बीते दिनों लगातार हुई बारिश के बाद पानी लबालब भर गया था। लेकिन सोमवार, 14 जुलाई को इस तालाब में अचानक एक बड़ा गड्ढा बन गया, जिसमें पूरा पानी समा गया। वर्तमान में तालाब में केवल 15 प्रतिशत पानी शेष रह गया है, जो ग्रामीणों के अनुसार एक-दो दिन में पूरी तरह खत्म हो जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि पहले उन्हें केवल इतना महसूस हुआ कि तालाब का पानी तेजी से घट रहा है, लेकिन जब उन्होंने पास जाकर देखा तो तालाब के दाहिनी ओर एक विशाल गड्ढा नजर आया, जिसमें पानी तेजी से समा रहा था। सबसे पहले गांव के राजेंद्र साहू ने इस गड्ढे को देखा और तुरंत गांव के सरपंच साधराम चेचाम व अन्य ग्रामीणों कार्तिकराम, छोटेलाल साहू, भागवत, राम, जय राम, संदीप यादव, मोहन लाल, तुलसीराम, सियाराम और संतोष साहू को इसकी जानकारी दी। मौके पर पहुंचे सभी लोग यह देखकर हैरान रह गए कि पिछले चार दिनों में तालाब का 85 प्रतिशत पानी रहस्यमय तरीके से गायब हो गया।
तालाब से पानी बाहर निकलता दिखाई नहीं दे रहा है और ना ही आसपास के किसी क्षेत्र में जल रिसाव का कोई संकेत मिला है। ऐसे में ग्रामीणों का मानना है कि यह पानी सीधे “पाताल लोक” में चला गया है। इस रहस्यमयी घटना को लोग दैवीय चमत्कार मानकर गड्ढे के पास पूजा-अर्चना भी शुरू कर चुके हैं। हर दिन आसपास के गांवों से सैकड़ों लोग इस अद्भुत दृश्य को देखने पहुंच रहे हैं। गांव के सरपंच साधराम चेचाम ने बताया कि यह तालाब लगभग 45 वर्ष पुराना है और आज तक कभी ऐसा कुछ नहीं हुआ। यह घटना पूरी तरह अप्रत्याशित है। उन्होंने इसकी जानकारी संबंधित उच्च अधिकारियों को भी दे दी है और उम्मीद जताई है कि जल्द ही भू-वैज्ञानिकों या तकनीकी टीम द्वारा जांच कराई जाएगी। इस घटना ने जहां लोगों के बीच कौतूहल और आस्था का विषय खड़ा किया है, वहीं यह गांव के लिए गंभीर चिंता का कारण भी बन गया है। तालाब के सूखने से ग्रामीणों की निस्तारी, सिंचाई और पशुओं की जलापूर्ति पर संकट मंडराने लगा है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस प्राकृतिक घटना की जांच कर स्थायी समाधान निकालना होगा, ताकि ग्रामीणों की परेशानी कम हो सके। फिलहाल घानाकछार गांव में यह रहस्यमय गड्ढा ग्रामीणों की जिज्ञासा, श्रद्धा और चिंता का केंद्र बन गया है।