
उम्मीद की जानी चाहिए कि रविशंकर राज को सस्पेंड किए जाने से अन्य शिक्षक लेंगे सबक
ठा. उदय सिंह,मल्हार
अपने पाठकों के बीच तेजी से पैठ बनाते सत्याग्रह news.in की खबरों पर प्रशासनिक भरोसे की भी मुहर लग गई है । जनवरी महीने में हमने एक खबर प्रकाशित की थी जिसमें बताया था कि किस तरह 23 जनवरी को मस्तूरी में आयोजित शिक्षकों के प्रशिक्षण शिविर में 1 सहायक शिक्षक शराब के नशे में धुत होकर पहुंचा था सत्याग्रह news.in की खबर को संज्ञान में लेते हुए उस सहायक शिक्षक रविशंकर राज के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई और दोषी पाए जाने पर उसे सस्पेंड कर दिया गया। आपको याद दिला दें कि 23 जनवरी को मस्तूरी के बीआरसी भवन में शिक्षकों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था लेकिन यहां रहटा टोर प्राथमिक स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक रवि शंकर राज शराब के नशे में धुत होकर पहुंचा। उसकी दशा ऐसी भी नहीं थी कि वह बैठ पाता , इसलिए प्रशिक्षण के दौरान ही वह जमीन पर बिछाई दरी पर औंधा लेट गया। पूरे प्रशिक्षण के दौरान वो ऐसी स्थिति में रहा। जिस वजह से ना केवल प्रशिक्षण बाधित हुआ बल्कि प्रशिक्षण में पहुंची महिला शिक्षिकाऐ भी असहज महसूस करती रही। इन अव्यवस्थाओं की वजह से ही 2 दिन के शिविर को एक दिन में ही खत्म करना पड़ा । सत्याग्रह news.in ने इस खबर को प्राथमिकता से प्रकाशित करते हुए, शिक्षा विभाग से अपील की थी कि वह ऐसे शिक्षा के मंदिरों को कलंकित करते शिक्षकों पर कार्यवाही करें। हमने इस घटना से बीईओ को भी अवगत कराया था।
जिन्होंने इसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को दी थी। विभागीय कार्यवाही के दौरान सहायक शिक्षक रवि शंकर राज को नोटिस जारी किया गया था । नोटिस के जवाब में उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान शराब पीकर आने की बात स्वीकार भी की थी। मामले में दोषी सिद्ध होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी आर एन हिराधार ने सहायक शिक्षक रविशंकर राज को सस्पेंड कर दिया है । उनकी गतिविधियों को सेवा शर्तों के खिलाफ पाया गया है। हमने पहले ही अवगत कराया है कि रविशंकर राज अकेले ऐसे शिक्षक नहीं है जो शराब पीकर स्कूल पहुंचते हैं। मस्तूरी क्षेत्र में ऐसे कई स्कूल है जहां पदस्थ कई शिक्षक शराब पीकर विद्या के मंदिर को कलंकित कर रहे हैं ,ऐसे शिक्षक या तो स्कूल पहुंचकर इस हालत में ही नहीं होते कि बच्चों को पढ़ा सके और जो पढ़ाने की कोशिश करते भी हैं वे शराब के नशे में रहने की वजह से अक्सर बच्चों की पिटाई करते हैं, जिस वजह से बच्चे स्कूल जाना ही नहीं चाहते। अगर शिक्षा के स्तर को सुधारना है तो सबसे पहले ऐसे शराबी शिक्षको पर नकेल कसनी होगी ।उम्मीद की जानी चाहिए कि रविशंकर राज को सस्पेंड किए जाने से अन्य शिक्षक सबक लेंगे।