
रमेश राजपूत
बिलासपुर – दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर रेल मंडल में मंगलवार दोपहर को हुए भीषण रेल हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। बिलासपुर स्टेशन के समीप लालखदान के पास गतौरा और बिलासपुर स्टेशन के बीच हुई इस दुर्घटना में अब तक 11 यात्रियों की मृत्यु की पुष्टि हुई है, जबकि 20 यात्री घायल हुए हैं। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी रहा तथा घायलों का उपचार नजदीकी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में किया जा रहा है।
हादसे की भयावह तस्वीर

घटना मंगलवार दोपहर लगभग 4 बजे की बताई जा रही है, जब कोरबा से बिलासपुर की ओर आ रही लोकल मेमू ट्रेन एक मालगाड़ी के पिछले हिस्से से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मेमू ट्रेन की महिला बोगी मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गई। इससे डिब्बों में बैठे कई यात्री बुरी तरह फंस गए। टक्कर की आवाज सुनते ही आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई और बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े।
राहत-बचाव कार्य में जुटी टीमें

दुर्घटना की जानकारी मिलते ही रेल प्रशासन, जिला प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं। गैस कटर और अन्य उपकरणों की मदद से ट्रेन के अंदर फंसे यात्रियों को बाहर निकाला गया। एसडीआरएफ, रेलवे की दुर्घटना राहत टीम, फायर ब्रिगेड और स्थानीय स्वयंसेवक भी राहत कार्य में सक्रिय रहे। रेल प्रशासन के अनुसार, राहत एवं बचाव कार्य तुरंत प्रारंभ कर दिया गया था, और सभी घायलों को नजदीकी अस्पतालों सिम्स, अपोलो, रेलवे हॉस्पिटल बिलासपुर में भर्ती कराया गया है। वहीं, वरिष्ठ रेल अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद रहकर स्थिति की निगरानी कर रहे थे।
घायलों को दी गई त्वरित सहायता

रेल प्रशासन ने घायलों को त्वरित सहायता राशि के रूप में 50,000/- प्रति यात्री प्रदान की है। सभी घायलों को समुचित चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की जा रही है। रेलवे ने अस्पतालों से लगातार संपर्क बनाए रखा है ताकि किसी भी घायल को उपचार में कठिनाई न हो।
घायलों की पहचान…

मथुरा भास्कर (55), चौरा भास्कर (50), शत्रुघ्न (50), गीता देबनाथ (30), मेहनिश खान (19), संजू विश्वकर्मा (35), सोनी यादव (25), संतोष हंसराज (60), रश्मि राज (34), ऋषि यादव (2), तुलाराम अग्रवाल (60), अराधना निषाद (16), मोहन शर्मा (29), अंजूला सिंह (49), शांता देवी गौतम (64), प्रीतम कुमार (18), शैलेश चंद्र (49), अशोक कुमार दीक्षित (54), नीरज देवांगन (53) और राजेंद्र मारुति बिसारे (60)।
हादसे का कारण…… जांच जारी

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, दुर्घटना का कारण सिग्नलिंग में त्रुटि या तकनीकी खराबी बताया जा रहा है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है। रेल प्रशासन ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें मंडल रेल प्रबंधक और मुख्य सुरक्षा आयुक्त शामिल हैं, ने मौके का निरीक्षण किया और तकनीकी रिपोर्ट मांगी है।
रेल यातायात प्रभावित

हादसे के बाद बिलासपुर रेलखंड पर ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई थी। कई ट्रेनों को नियंत्रित किया गया या वैकल्पिक मार्ग से चलाया गया। शाम तक कुछ ट्रेनों की आवाजाही आंशिक रूप से बहाल की गई, लेकिन मुख्य लाइन पर मरम्मत कार्य देर रात तक जारी रहा। रेलवे इंजीनियरिंग दल ने क्षतिग्रस्त पटरियों और डिब्बों को हटाने का कार्य शुरू किया और लगभग सुबह 5:30 बजे तक यातयात सुचारू कर दिया गया।
प्रशासन की तत्परता और संवेदनशीलता

रेल प्रशासन ने मृतकों के परिजनों के लिए पूर्व में घोषित सहायता राशि 10 लाख मृतकों के परिजनों को, 5 लाख गंभीर रूप से घायल यात्रियों को, और 1 लाख सामान्य रूप से घायल यात्रियों को देने की घोषणा की है। अधिकारियों ने बताया कि घायलों के परिजनों को आवश्यक परिवहन और आवास की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने अस्पतालों में जाकर घायलों की स्थिति की जानकारी ली और परिवारजनों से मुलाकात की। प्रशासन ने कहा कि घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया भयावह दृश्य

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर इतनी जोरदार थी कि आसपास जोरदार धमाके की आवाज आई…अचानक जोरदार धमाका हुआ, और धुएँ के साथ लोगों की चीखें सुनाई देने लगीं, एक स्थानीय निवासी कार्तिक निषाद ने बताया। कई यात्रियों को ट्रेन की बोगी से बाहर निकाला गया।
रेल यातायात में बड़ी चूक…

लालखदान रेल हादसा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के हाल के वर्षों के सबसे भीषण हादसों में से एक बन गया है। घटना ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। हालांकि रेलवे प्रशासन ने त्वरित राहत, सहायता और चिकित्सा प्रबंधन के माध्यम से मानवीय दृष्टि से तत्परता दिखाई है, लेकिन दुर्घटना का मूल कारण जानने और भविष्य में ऐसी त्रासदी रोकने के लिए ठोस तकनीकी सुधार आवश्यक होंगे।
शवों की पहचान…

रेल हादसे में मृत 10 यात्रियों के शवों को सिम्स हॉस्पिटल और रेलवे हॉस्पिटल लाया गया है। दोनों स्थानों पर कुल 8 शवों की पहचान हो चुकी है, जबकि 2 शव अज्ञात हैं। सिम्स हॉस्पिटल में रखे गए शव 5 में से 4 की पहचान हुई
अर्जुन यादव, उम्र 35 वर्ष, पिता लक्ष्मण यादव, निवासी – देवरीखुर्द, बिलासपुर।
मानमती यादव, (अर्जुन यादव की सास)।
लवकुश शुक्ला, उम्र 40 वर्ष, पिता रमाकांत शुक्ला, निवासी – सक्ती।
श्रीमती शीला यादव, (अर्जुन यादव की पत्नी)।
एक अज्ञात शव, जिसकी पहचान अभी नहीं हो पाई है।
वहीं रेलवे हॉस्पिटल में रखे गए शव 5 में से 4 की पहचान हुई
विद्यासागर, मेमू लोको पायलट।
श्रीमती शीला यादव, निवासी बिलासपुर
प्रिया चंदेल, उम्र 22 वर्ष, निवासी जैजैपुर, सक्ती।
अंकित अग्रवाल, निवासी बिल्हा, बिलासपुर।
एक अज्ञात महिला (लगभग 50 वर्ष), जिसकी पहचान में रेलवे प्रशासन जुटा हुआ है।