मल्हार

सफाई के नाम पर वृक्षो की अवैध कटाई….शासन की नाक के नीचे हरे भरे पेड़ो की चढ़ गई बलि…. कोई नही इनकी पुकार सुनने वाला

हरिशंकर पांडेय

मल्हार- भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन संरक्षित प्राचीन गढ़ (किला) में लगे सैकड़ो वृक्षो की बलि सफाई के नाम पर दे दी गई। अब विभाग के अधिकारी कह रहे कि हमने पेड़ काटने का आदेश ही नही दिया। उधर ठेकेदार कहते है मजदूरों का भुगतान जल्द कर देंगे।

विभाग ने गढ़ की सफाई कराने ठेकेदार को ठेका दिया था जिसमे स्थानीय मजदूरों ने 30 दिनो से भी अधिक समय तक काम करते हुए ठेकेदार के अनुसार काम करते हुए कटीले वृक्षो के साथ बड़े बड़े उपयोगी वृक्षो को भी काट दिया

जिससे यह जंगल नुमा दर्शनीय स्थल वीरान नजर आ रहा है और पर्यावरण की दृष्टि से यह इलाका इस भीषण गर्मी में तप रहा है। विभागीय अधिकारी का कहना है कि वर्षो से गढ़ की सफाई नही हुई थी जिससे चलते अवांछित वृक्ष उग आए थे इसलिए सफाई कराया गया है। परंतु मौके में देखने पर पता चलता है कि अवांछित वृक्षो की आड़ में बड़े बड़े अकोल व परसा सहित कई किस्मो के पेड़ कट गए है।

स्थानीय लोगो का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों को सरकार का पैसा बर्बाद कर पेड़ काट सकते है परन्तु प्राचीन धरोहर गढ़ को सुरक्षित रखने बाउंड्रीवाल की मरम्मत नही करा सकते। वही किले में उत्खनन से निकले प्राचीन स्मारक की सुरक्षा भी सवालों के घेरे में है। टूटे हुए बाउंड्रीवाल का फायदा असामाजिक तत्व हमेशा उठाते है।

सुनसान इलाका होने के कारण यहाँ जुआ व शराबखोरी आम बात हो गई है जहा रखवाली के नाम पर एक मात्र निहत्थे कर्मचारी नियुक्त है जिसका भय बदमाशो को नही रहता। पिछले साल इसी किले में शराबियो की आपस की लड़ाई में एक युवक की हत्या कर गढ़ में ही दफना दिया गया था इन सबके बाद भी प्रशासन व विभागीय अधिकारी गम्भीरता नही दिखाते।

वर्षो से जारी है लकड़ी चोरी

सौ एकड़ के क्षेत्र में फैले इस किले में सबसे ज्यादा अकोल के वृक्ष है इसके अलावा परसा, नीम, पीपल, बरगद, सागोन सहित विभिन्न किस्मो के जंगली वृक्ष है। जहां वर्षो पहले लकड़ी की तस्करी व चोरी आम बात थी पर अब सुरक्षाकर्मी के आने के आने से कम हुआ है फिर भी रात के अंधेरे में अब भी चोरी होती है।

मजदूरों को नही मिली मजदूरी

गढ़ की सफाई कराने 70 स्थानीय मजदूरों को ठेकेदार ने 2 सौ रुपया प्रतिदिन के हिसाब से लगाया था जिन्होंने एक माह तक काम किया और उनको अब तक मजदूरी नही मिल पाई। वे मजदूर स्थानीय कर्मचारियों को कई बार अपनी मजदूरी दिलाने गुहार लगा चुके है।

विभाग के बिलासपुर जिले के पुरातत्व अधिकारी हेमंत मीणा से बात हुई जिसमे उन्होंने कहा कि

गढ़ के लिए कार्ययोजना बनाई थी जिसमे टूटी हुई बाउंड्री वॉल बनवाया है और गढ़ के अंदर पूरी सफाई कराया है। विभाग ने पेड़ की कटाई का कोई आदेश नही दिया । और ये पेड़ कटाई किसने करी उसका पता कर के उचित कार्यवाही करेगे।विभाग ने किसी मजदूर को आदेश नही दिया पेड़ कटाई का तो उनको मजदूरी देने का कोई सवाल ही नही उठता।

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