
महाशिवरात्रि पर मल्हार में 50 हजार से भी अधिक श्रद्धालु दर्शन आराधना और मेले का आनंद लेने पहुंचे
उदय सिंह
महाशिवरात्रि पर अंचल के सभी प्रसिद्ध शिव मंदिरों में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन, पूजा ,आराधना के लिए पहुंचते हैं। इन्हीं में प्रमुख है धार्मिक नगरी मल्हार स्थित भगवान पातालेश्वर का मंदिर। इसे कल्प केदारनाथ भी कहते हैं । 10वीं से 13वीं शताब्दी के प्राचीन मंदिर के पुनरुद्धार के बाद से ही यहां भक्तों का ताता लगा है। इस वर्ष महाशिवरात्रि सोमवार को पड़ने से भक्तों में विशेष उत्साह देखा गया। बिलासपुर, मस्तूरी के अलावा दूर-दूर से यहां भक्त जलाभिषेक के लिए पहुंचे। रविवार रात से ही यहां श्रद्धालुओं की कतार लगनी शुरू हो गई थी। सोमवार दिनभर यहां सौ सौ मीटर लंबी कतार नजर आई। भगवान पातालेश्वर के दर्शन के बाद भक्तों ने उनका जलाभिषेक किया। इस दौरान भक्तों ने धतूरा, बेलपान ,दूध ,पंचामृत गंगाजल आदि अर्पित करते हुए भगवान के आगे अपनी मनोकामनाएं रखी। काले जलहरी में गोमुखी आकार में भगवान पातालेश्वर की छवि दुर्लभ मानी जाती है ।
ऐसा शिवलिंग कहीं और देखने सुनने को नहीं मिलता। यहां के शिव जी जागृत है और भक्तों की सभी कामनाएं पूर्ण करते हैं, इसीलिए दूर-दूर से यहां भक्त शिव आराधना के लिए पहुंचते हैं। पिछले 84 वर्षों से यहां महाशिवरात्रि पर लगने वाले मेले की भी अपनी पहचान स्थापित हो चुकी है। इस 15 दिवसीय मेले का भी आरंभ सोमवार से हुआ । मंदिर परिसर के आस पास मेला सजा है, जहां खाने पीने की दुकानों के साथ श्रृंगार प्रसाधन की सामग्रियां, खेल खिलौने, झूले, मौत का कुआं, जादू के खेल और न जाने क्या कुछ उपलब्ध है, जिसका आनंद यहां पहुंचने वाले लोग जमकर ले रहे हैं। वर्तमान में मेले का संचालन मल्हार नगर पंचायत कर रही है, जिनके द्वारा सभी सुविधाएं जुटाई गई है ताकि मेला पहुंचने वाले लोगों को किसी तरह की असुविधा ना हो, वहीं मेले में दुकान लगाने वाले व्यवसायियों को भी जरूरी सुविधाएं दी जा रही है। साल 1936 से यहां महाशिवरात्रि पर यह मेला भर रहा है ।
पहले इस मेले का नाम मालगुजार के नाम पर अयोध्या मेला रखा गया था लेकिन धीरे-धीरे यह मेला मल्हार मेले के नाम से प्रसिद्ध होता चला गया। इस बार भी यहां लगा मेला पूरे पखवाड़े तक चलेगा जिसमें आस-पास के गांव से लोगों के पहुंचने का सिलसिला चलता रहेगा। महाशिवरात्रि पर मल्हार में 50 हजार से भी अधिक श्रद्धालु दर्शन आराधना और मेले का आनंद लेने पहुंचे।