
हरिशंकर पाण्डेय

मल्हार – जवाहर नवोदय विद्यालय मल्हार के पूर्व छात्र छात्राओं ने विद्यालय परिसर में 60 लाख रुपये खर्च कर पूरे विद्यालय का कायाकल्प कर दिया। एक साल तक चले विभिन्न महत्वपूर्ण विकास के कार्यो के बाद विद्यालय परिसर का स्वरूप अलग ही दिख रहा है और इन नजारे को देख लोग आश्चर्य चकित है कि यहां से पढ़कर निकले विद्यार्थियों ने अपनी पढ़ाई की कीमत इस तरह से चुका रहे है। उल्लेखनीय है कि 1987 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रो में नवोदय विद्यालय की स्थापना की थी इस कड़ी में मल्हार में भी इसी वर्ष विद्यालय की शुरुवात की गई थी। तब से आज तक यह आवासीय विद्यालय संचालित है इस दौरान हजारो विद्यार्थी यहां से पढ़ कर निकले जो आज देश के विभिन्न हिस्सों में उच्च पदों में अपनी सेवाएं दे रहे है। वे अपने जीवन के पठन पाठन की पृष्ठभूमि को आज भी याद करते है जिसके लिए आज भी प्रतिवर्ष एलुमिनाई कार्यक्रम में सभी शामिल होते है। चुकी मल्हार का यह विद्यालय सबसे पहले खुला था इसलिए महत्वपूर्ण भी है। यहां के पूर्व छात्र छात्राओं को इस विद्यालय से इतना लगाव हो गया कि सभी ने मिलकर योजना बनाई जिसमें यहां के खेल शिक्षक जेम्स टोप्पो का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
परिसर से हुए कार्य..

कार्य कराने के लिए यह तय हुआ कि प्रत्येक बेच अलग अलग काम कराएंगे जिसमे सबसे पहले 1987 से 94 के बेच ने विद्यालय की शोभा के लिए 10 लाख खर्च कर 80 फिट का हाई मास्ट तिरंगा झंडा का निर्माण कराया जो आज शान से लहरा रहा है जिसका अद्भुत नजारा 10 किलोमीटर दूर से भी दिखाई दे रहा है। इसी तरह विभिन्न बेच ने काम कराए जिसमे गार्डन चेयर, गार्डन कॉटेज, फव्वारा, वाटर कूलर आर ओ प्लांट, बॉटल पाम, स्वागत द्वार, गार्डन में सुगम पथ, कक्ष निर्माण, बास्केट बॉल सीमेंटेड फोर्ट, सुलभ शौचालय, पेरेंट्स सुविधा केंद्र, सुसज्जित पौधरोपण, मुख्य द्वार का जीर्णोद्धार के अलावा अमर जवान शहीद स्मारक भी दीपक भारद्वाज के स्मृति में बनवाया गया। दीपक भारद्वाज इसी विद्यालय के पूर्व छात्र थे और पुलिस में उपनिरीक्षक पद थे वे नक्सलियों से जूझते हुए शहीद हुए थे। उनकी ही याद में ये स्मारक परिसर में बनाया गया है। रोटरी क्लब बिलासपुर द्वारा भी 2 वाशरूम भी बनवाया गया है। इसके अलावा और कई काम आज भी हो रहे है। उपप्राचार्य पीआर संकरी ने बताया कि भूतपूर्व विद्यार्थीयो ने विद्यालय का कायाकल्प कर दिया है उनके द्वारा कराए गए कार्यो की प्रेरणा आने वाले बच्चों के लिए प्रभावी होगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष दिसम्बर में एलुमनाई मिट होता है जिसमे अधिकांश पूर्व छात्र पहुचकर वर्तमान विद्यार्थियों को मोटिवेट करते है और अपना अनुभव साझा कर नवोदय विद्यालय के महत्व को बताते है।
30 मई को हुए थे एकत्र..

35 साल तक विद्यालय में सेवा देने वाले खेल शिक्षक जेम्स टोप्पो के सेवा निवृत्त विदाई समारोह पर गत 30 मई को पांच सौ से ज्यादा पूर्व छात्र छात्रा अपने चहेते शिक्षक को विदाई देने शामिल हुए थे जहां उन्होंने श्री टोप्पो के कार्यकाल और उनके द्वारा दी गई सीख को सभी ने याद कर भावुक हो गए थे। इतने लंबे समय तक एक ही विद्यालय में सेवा के दौरान श्री टोप्पो का कार्यकाल सभी बेच के लिए यादगार रहा इसलिए इन विद्यार्थीयो उनके सेवा निवृत्ति पर देश के अलावा विदेश से भी पूर्व छात्र आए थे। यहां के विद्यार्थी आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक आदि बनकर पूरे भारत के अलावा विदेशो में भी अपनी सेवाएं दे रहे है।