लोरमीस्वास्थ्य

लोरमी में फिर मानवता हुई शर्मसार , बिना इलाज के अस्पताल के बाहर पड़े मरीज ने तोड़ा दम

आकाश दत्त मिश्रा

लोरमी क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की करतूत से एक बार फिर इंसानियत शर्मसार हुई हैं। इन कर्मचारियों के लिए इंसान ही जान की कीमत कुछ भी नहीं। इन्होंने एक लाचार, बीमार ,बुजुर्ग को मरने के लिए बरामदे में छोड़ दिया, जहां तड़प तड़प कर उसकी जान चली गई । लोरमी के 50 बिस्तर वाले मातृ शिशु अस्पताल में 5 दिन पहले उपचार के लिए एक बुजुर्ग मरीज को भर्ती कराया गया था, लेकिन उसके साथ कोई परिजन ना होने से उसके द्वारा की जा रही गंदगी से मेडिकल स्टाफ इस कदर परेशान हो गया कि वार्ड में गंदगी करने का आरोप लगाते हुए उसे अस्पताल से भगा दिया गया ।

बीमार बुजुर्ग मरीज को पुराने स्वास्थ्य केंद्र में ले जाकर, बाहर गंदगी में बरामदे में लिटा दिया गया। बिना किसी कपड़े के ठंडे फर्श पर 24 घंटे तक बुजुर्ग मरीज नग्न अवस्था में भूखा प्यासा, बिना इलाज के पड़ा रहा। लेकिन कोई भी स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी झांकने तक नहीं आया। अस्पताल के बरामदे में ही पड़े पड़े बिना इलाज के उस बुजुर्ग की जान चली गई। असल में बुजुर्ग की मौत नहीं हुई बल्कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने उसकी हत्या कर दी ।यहां सिर्फ उस बुजुर्ग ने दम नहीं तोड़ा, उनके साथ इंसानियत भी यहां मर गई।

इस घटना की सूचना जब क्षेत्र के कुछ कांग्रेसी नेताओं और मीडिया को हुई तो उन्होंने लोरमी के बीएमओ डॉ जी एस दाऊ को इसकी सूचना दी। जिसके बाद बीमार मरीज की तीमारदारी का अभिनय किआ जाने लगा, मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी और मरीज की जान जा चुकी थी। इस मामले ने अब राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है। एक तरफ जहां सांसद ने इसके लिए सरकार और स्वास्थ्य सेवाओं को आड़े हाथों लिया है, वहीं क्षेत्र के कांग्रेसी नेता भी स्वास्थ्य केंद्र के प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपना दामन बचाने मामले में लीपापोती करने में जुट गए हैं और अधिकारी का दावा है कि, क्योंकि मरीज के साथ कोई अटेंडर नहीं था इस वजह से उसे अस्पताल से हटा दिया गया था।

अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या अब ऐसा कोई नियम कायदा तय किया गया है कि जिस मरीज के साथ परिजन नहीं होंगे उसे यू मरने के लिए छोड़ दिया जाएगा। इस अभागे बुजुर्ग की बिना इलाज के गंदगी गंदे फर्श में पड़े पड़े जान चली गई। उसके बाद रही सही कसर मृतक के परिजनों ने पूरी कर दी । उन्होंने मृतक के अंतिम संस्कार से ही मना कर दिया । जिसके बाद इसके लिए लोरमी पुलिस और कांग्रेस के कुछ नेता सामने आए। जिनके प्रयासों से मुक्तिधाम स्वच्छता टीम ने मृतक का अंतिम संस्कार किया।

जान जाने के बाद मिट्टी का शरीर तो मिट्टी में ही मिल गया। यहाँ इस मृत बुजुर्ग को दफन कर दिया गया । शायद इसी के साथ व्ह मामला भी दफन हो गया है, जिसमें अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही और शर्मसार करने वाली करतूत उजागर होती।

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