
उदय सिंह
मल्हार – धार्मिक आस्था और पर्यटन का केंद्र माने जाने वाले मल्हार की मुख्य सड़क आज अपनी बदहाली की कहानी बयां कर रही है। लोक निर्माण विभाग के अधीन आने वाला यह मार्ग बरसों से उपेक्षा का शिकार है। नतीजतन आमजन को हर रोज भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। बस स्टैंड से मेला चौक तक की स्थिति सबसे खराब है, जहां बड़े-बड़े गड्ढों के बीच से राहगीरों और बाइक सवारों को गुजरना पड़ता है। बरसात में यह मार्ग पूरी तरह पानी में डूब जाता है और हादसों की आशंका बनी रहती है।स्थानीय नागरिक बताते हैं कि विभाग ने नाली तो बनवाई, लेकिन उसका लेवल सड़क से ऊंचा रख देने के कारण पानी की निकासी ही नहीं हो पाती। नतीजतन बरसात का और घरों का गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है। माँ डिडनेश्वरी मंदिर तक मात्र डेढ़ किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे हैं।
खासकर मेन गेट से मेला चौक तक का हिस्सा सबसे ज्यादा जर्जर हो चुका है। मेला चौक से पुलिस चौकी तक संकरी सड़क पर जाम की स्थिति रोजाना देखने को मिलती है, जिससे लोगों को गंतव्य तक पहुँचने में घंटों मशक्कत करनी पड़ती है।इन दिनों शारदीय क्वांर नवरात्र पर्व में हजारों श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। लेकिन जैसे ही वे नगर में प्रवेश करते हैं, टूटी-फूटी सड़क और गड्ढों के कारण उन्हें कठिनाई झेलनी पड़ती है। मेला चौक तक पहुंचने के बाद संकीर्ण मार्ग जाम का रूप ले लेता है और श्रद्धालुओं को घंटों रुकना पड़ता है।वही कर नापने वाले को सड़क की गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है।स्थानीय लोगों का कहना है कि बस स्टैंड से मंदिर तक सड़क चौड़ीकरण की मांग कई बार उठाई जा चुकी है। विधायक, मंत्री और सांसद तक से गुहार लगाई गई, लेकिन अब तक ठोस कदम नहीं उठाया गया। व्यापारियों का कहना है कि इस दुर्दशा के कारण नगर का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है और पर्यटक मल्हार आकर दोबारा लौटने से कतराते हैं।आस्था से जुड़े इस नगर की तस्वीर कब बदलेगी, यह सवाल अब आमजन के मन में गूंज रहा है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन उनकी पीड़ा को समझे और जल्द ही इस मार्ग के चौड़ीकरण व मरम्मत का ठोस कदम उठाए, ताकि मल्हार की पहचान बदहाली नहीं बल्कि श्रद्धा और पर्यटन से जुड़ी रहे।