
उदय सिंह
बिलासपुर – मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र की एकमात्र नगर पंचायत मल्हार में शनिवार हुई आगजनी की घटना ने स्थानीय प्रशासन की घोर लापरवाही को उजागर कर दिया है। वार्ड क्रमांक 15 में स्थित एक खलिहान में अचानक आग लगने से दो पैरा के ढेर पूरी तरह जलकर राख हो गए। खलिहान में किसान द्वारा लगभग 70 से 80 कट्टी धान रखा गया था, वहीं पास में धान और की खरही भी मौजूद थी। गनीमत रही कि आसपास के जागरूक नागरिकों ने तत्परता दिखाते हुए धान को समय रहते अन्यत्र सुरक्षित कर लिया, जिससे बड़ी क्षति टल सकी।यह खलिहान (कोठार)दो आवासीय घरों के बीच स्थित था। यदि आग पर समय रहते काबू नहीं पाया जाता तो यह घटना एक भयावह हादसे में तब्दील हो सकती थी। लेकिन जब नगर पंचायत की दमकल की जरूरत पड़ी, तब जो हालात सामने आए, वे बेहद चिंताजनक थे। दमकल वाहन में बैटरी ही नहीं थी। मजबूरी में ट्रैक्टर से खींचकर दमकल को स्टार्ट किया गया। हद तो तब हो गई कि उससे पहले ट्रैक्टर को भी धकेलकर चालू करना पड़ा क्यो की ट्रैक्टर में भी बैटरी नही थी, इतना ही नहीं, दमकल की लाइट भी खराब थी, जिससे ट्रैक्टर की लाइट के सहारे वाहन को रास्ता दिखाना पड़ा।
जब आग बुझाने के लिए पानी चालू किया गया तो पता चला कि दमकल के टैंक में पानी ही नहीं है, क्योंकि उसमें छेद था। आग की चपेट में आकर बिजली का केबल भी जल चुका था, जिससे पूरे क्षेत्र की लाइट बंद हो गई। आनन-फानन में बिजली विभाग के कर्मचारियों को बुलाकर बिजली काटी गई और तब जाकर दमकल में पानी भरकर आग बुझाई जा सकी। जानकारी के अनुसार, नगर पंचायत की केवल दमकल ही नहीं, बल्कि किसी भी वाहन में बैटरी उपलब्ध नहीं है। हैरानी की बात यह है कि निकाय के सभी पानी टैंकर भी खराब पड़े हैं और उनकी मरम्मत तक नहीं कराई जा रही। कहा जा रहा है कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत क्षेत्र में रहने के बजाय बिलासपुर में निवास करते हैं, जिससे स्थानीय समस्याओं के प्रति उनकी उदासीनता साफ झलकती है। यह घटना चेतावनी है कि यदि समय रहते प्रशासन नहीं जागा, तो भविष्य में कोई बड़ी दुर्घटना टाली नहीं जा सकेगी। सवाल उठता है कि इतनी गंभीर लापरवाही के बावजूद क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई प्रशासनिक कार्रवाई होगी, या जनता इसी असुरक्षा के साए में जीने को मजबूर रहेगी।