
रमेश राजपूत
बिलासपुर – प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत तखतपुर जनपद की ग्राम पंचायत बांधा में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता और फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस घोटाले में कुल 6 लाख 70 हजार रुपये की सरकारी राशि का दुरुपयोग कर योजना का लाभ वास्तविक हितग्राहियों की जगह अपात्र व्यक्तियों को दिया गया है। इस मामले में तीन सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। जनपद पंचायत तखतपुर में पदस्थ विकास विस्तार अधिकारी सुनील कुमार तिवारी द्वारा थाने में एक लिखित आवेदन दिया गया है, जिसमें आवास मित्र राजेश सोनवानी, पंचायत सचिव दिलीप पात्रे, और अस्थायी रोजगार सहायक/डाटा एंट्री ऑपरेटर रितेश श्रीवास पर संगठित रूप से सरकारी योजना में धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है।शिकायत के अनुसार, योजना के तहत वास्तविक हितग्राहियों की जगह इन तीनों आरोपियों ने मिलीभगत कर अपात्र व्यक्तियों के नाम, खाता नंबर और आधार नंबर दर्ज करवाए।
इससे छह अलग-अलग फर्जी लाभार्थियों के खातों में योजना की रकम हस्तांतरित करवाई गई। आरोपियों ने हितग्राही चयन प्रक्रिया को भी प्रभावित किया और फर्जी प्रस्ताव ग्रामसभा से पारित करवाकर राशि का गबन किया। राजेश सोनवानी ने स्वयं को ही लाभार्थी घोषित कर 1,20,000 की राशि अपने खाते में डलवाई। मृत लाभार्थियों के स्थान पर अन्य व्यक्तियों को नामित कर फर्जी भुगतान किया गया। अन्य नामजद अपात्र लाभार्थियों के खातों में भी 95,000 रुपए से लेकर 1,20,000 रुपए तक की राशि डाली गई। इस वित्तीय अनियमितता को जान-बूझकर छुपाने और प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में पंचायत सचिव दिलीप पात्रे और डाटा एंट्री ऑपरेटर रितेश श्रीवास की भी भूमिका पाई गई। इन दोनों ने गलत पंजीयन, जियो टैगिंग और भुगतान प्रक्रिया में शामिल रहे। इस गंभीर मामले की जिला पंचायत बिलासपुर द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने पुष्टि करते हुए उक्त तीनों अधिकारियों को दोषी पाया है। इसके आधार पर धारा 420, 34 भादवि / 318(4), 3(5) BNS के तहत अपराध दर्ज कर पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है।