
भुवनेश्वर बंजारे
बिलासपुर – रेलवे कोचिंग डिपो में सुरक्षा लापरवाही का एक और गंभीर मामला सामने आया है। शनिवार को अतिरिक्त कोच की सफाई के दौरान 26 वर्षीय ठेका कर्मी प्रताप बर्मन हाइटेंशन तार की चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गया। हादसे के बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल पहुँचाया गया है, जहाँ उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक प्रताप बर्मन मूल रूप से जांजगीर-चांपा जिले के मुलमुला का निवासी है और रायपुर स्थित एक ठेकेदार कंपनी के अंडर में कोचिंग डिपो में कार्यरत था। प्रताप शनिवार को अन्य साथियों के साथ ट्रेन की अतिरिक्त कोच की सफाई और धुलाई का काम कर रहा था। इसी दौरान असावधानीवश उसका संपर्क ऊपर से गुजर रहे हाई वोल्टेज विद्युत तार ओएचई से हो गया। तेज करंट लगने के चलते प्रताप बुरी तरह झुलस गया और मौके पर ही गिर पड़ा। उसके साथ काम कर रहे अन्य कर्मचारियों ने तुरंत आवाज लगाई और मौके पर मौजूद स्टाफ ने आनन-फानन में उसे गंभीर हालत में अस्पताल पहुँचाया।चिकित्सकों के अनुसार प्रताप के शरीर का बड़ा हिस्सा करंट से झुलस चुका है और उसका उपचार गहन चिकित्सा इकाई में जारी है। चिकित्सक उसकी स्थिति को अभी भी नाजुक बता रहे हैं। हादसे के बाद कोचिंग डिपो में अफरा-तफरी मच गई और कर्मचारियों में आक्रोश भी देखा गया। उनका कहना है कि लगातार चेतावनी और पूर्व में घटित हादसों के बावजूद रेलवे प्रबंधन द्वारा सुरक्षा उपायों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
गौरतलब है कि कोचिंग डिपो में इस तरह की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी एक प्रशिक्षु (एप्रेंटिस) युवक की करंट की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। इसके बावजूद कर्मचारियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम जैसे सुरक्षा किट, हेलमेट, दस्ताने और सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित नहीं किया गया। कर्मचारियों का आरोप है कि ठेका कंपनियां केवल काम निकलवाने पर जोर देती हैं, लेकिन मजदूरों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की परवाह नहीं करतीं। रेलवे कोचिंग डिपो में प्रतिदिन सैकड़ों कर्मचारी और ठेका मजदूर सफाई, धुलाई और मरम्मत कार्यों में लगे रहते हैं। ऐसे में हाइटेंशन तारों के बीच काम करना अपने आप में बड़ा खतरा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक कार्यस्थल पर विद्युत सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाएगा, तब तक इस तरह की घटनाएँ होती रहेंगी। इस हादसे ने एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर देश में आधुनिक और हाईटेक ट्रेनों को चलाने की बात हो रही है, वहीं दूसरी ओर कोचिंग डिपो में काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आ रही है। प्रताप बर्मन जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है और उसका परिवार गहरे सदमे में है। यह घटना एक बार फिर चेतावनी देती है कि कार्यस्थल पर सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। एक छोटी सी लापरवाही ने 26 वर्षीय युवक की जिंदगी को संकट में डाल दिया है, जिससे यह साफ हो जाता है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी कितनी बड़ी कीमत पर पड़ सकती है।