
उदय सिंह
आम उपभोक्ता को यह लगता है कि बैंक में फिक्स डिपोजिट में उनकी रकम पूरी तरह सुरक्षित होती है ,लेकिन बैंक कर्मचारियों की वजह से यह धारणा बदलने लगी है । पहले भी एक बार एचडीएफसी बैंक कर्मियों द्वारा ग्राहक के फिक्स डिपॉजिट में हेरफेर करने का मामला सामने आया था। एक बार फिर चांपा में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। चांपा के एचडीएफसी बैंक में ग्राहक ने 5 लाख रुपए 1 साल के लिए फिक्स डिपॉजिट किया था । 1 साल की मियाद पूरी होने पर जब वे राशि लेने बैंक गए तो पता चला कि बैंक के कर्मचारी आलोक तिवारी और आनंद कुमार ने मिलकर खातेदार के रुपए को निकाल कर दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिया है । अपने साथ धोखाधड़ी होने पर ग्राहक ने चांपा थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने दोनों बैंक कर्मियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर इसे साइबर सेल को सौंपा। जिसने फिलहाल रायपुर में पदस्थ आलोक तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ के दौरान उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। इससे पहले भी एक बार एचडीएफसी बैंक के बिलासपुर शाखा में इसी तरह का एक मामला सामने आया था। बैंक कर्मचारियों की वजह से बैंक की साख तो खराब हो ही रही है वहीं ग्राहकों का भरोसा भी ऐसी योजनाओं पर डिगने लगा है। बैंक कर्मी होने के नाते ग्राहकों की रकम की हिफाजत करने की जगह लालच में आकर कई बार यही कर्मी फर्जीवाड़ा करने लगते हैं लेकिन वे भूल जाते हैं कि एक न एक दिन उनके कुकर्म का भंडाफोड़ हो जाएगा और फिर नौकरी तो जाएगी हु उल्टे जेल की हवा भी खानी पड़ेगी। जांजगीर चांपा पुलिस धोखाधड़ी के मामले में आरोपियों पर सख्त कार्यवाही करती नजर आ रही है।